Yuvachar Publications Booksअप्लाईड एवं व्यावहारिक विज्ञान
विशेषताएँः- 1. यह पुस्तक छत्तीसगढ़ पीएससी व छत्तीसगढ़ में आयोजित की जाने वाली अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- व्यापम इत्यादि को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। इस पुस्तक का निर्माण संस्थान के वरिष्ठतम शिक्षक श्री सौरभ चतुर्वेदी द्वारा स्वयं किया गया है। 2. एप्लाईड साइंस के पाठ्यक्रम में प्रौद्योगिकी खण्ड से सूचना संचार प्रौद्योगिकी, नाभिकीय प्रौद्योगिकी और कृषि प्रौद्योगिकीय को रखा गया है जबकि पर्यावरण का खण्ड जैव विविधता प्रदूषण और पारिस्थितिकी असंतुलन तक सीमित है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पुस्तक में प्रौद्योगिकी पर्यावरण के अनावश्यक खण्डों को शामिल करने से बचा गया है। 3. इस खण्ड में समसामयिक घटनाओं और विकासों को जोड़ने का विशेष महत्व है। अतः अद्यतन विकासों, आविष्कारों, सम्मेलनों एवं नवाचारों को यथासंभव पुस्तक में शामिल करने का प्रयास किया गया है। 4. इस पुस्तक में प्रौद्योगिकी खण्ड के अंतर्गत सूचना संचार प्रौद्योगिकी में ग्रामीण भारत में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका, कम्प्यूटर का आधारभूत ज्ञान , कम्प्यूटर नेटवर्किंग/इन्टरनेट, साइबर सुरक्षा शामिल है। ऊर्जा संसाधन में भारत में ऊर्जा की माँग, चुनौतियाँ और ऊर्जा सुरक्षा, परम्परागत-गैर परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत, नाभिकीय ऊर्जा का देश में विकास एवं उपयोगिता को रखा गया है। भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास उससे जुड़ी संस्थाएँ तथा कृषि प्रौद्योगिकी भी इस खण्ड में शामिल हैं। पर्यावरण खण्ड के अंतर्गत - जैव विविधता का अर्थ, प्रकार, मापन, जैव विविधताःमहत्व(उत्पादक/विनाशक), विश्वस्तरीय, राष्ट्रीय, स्थानीय स्तर की जैव-विविधता, भारत का जैव भौगोलिक वर्गीकरण, तप्त स्थल/हॉटस्पॉट , मानव-वन्यजीव संघर्ष, जैव विविधता की क्षति और भारत में संकटापन्न (विलुप्त) प्रजातियाँ शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों को उनके पबंधन के साथ तैयार किया जाना आवश्यक है। पुस्तक में इन सभी विषयों को समसामयिक दृष्टि से शामिल किया गया है। 4. पुस्तक के अंत में छत्तीसगढ़ मुख्य परीक्षा द्वारा पूछे गए पूर्व वर्षों के प्रश्नों को रखा गया है ताकि परीक्षा प्रारूप से परिचय हो सके। इसके अलावा अभ्यास हेतु प्रश्न आपके उत्तर लेखन के अभ्यास में सहायक होंगे। 5. पुस्तक की प्रस्तुति यथासंभव बिंदुवार रखी गई है ताकि छत्तीसगढ़ पीएससी में पूछे जाने वाले विभिन्न श्रेणी के प्रश्नों को सहजता से तैयार किया जा सके। यथासंभव आरेख एवं रेखाचित्रों का प्रयोग कर प्रस्तुति को बोधगम्य बनाने का प्रयास किया गया है।