Yuvachar Publications Booksछत्तीसगढ़ का प्रशासन एवं पंचायती राज प्रणाली
वशेषताएँः- 1. यह पुस्तक मूल रूप से छत्तीसगढ़ प्रारंभिक परीक्षा एवं व्यापम की विभिन्न परीक्षाएँ जिनमें पंचायती राज से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। यद्यपि इसका प्रयोग मुख्य परीक्षा के स्तर पर भी किया जा सकता है। हालाँकि मुख्य परीक्षा में छत्तीसगढ़ के प्रशासन और पंचायती राज से सीमित प्रश्न आते हैं। 2. पुस्तक लेखन के दौरान पुस्तक को त्रुटिरहित करने का अथक प्रयास किया गया है क्योंकि छत्तीसगढ़ के प्रशासन और पंचायती राज से जुड़ी सूचनाएँ निरंतर अद्यतन हो रही है। जिला परिचय के स्तर पर अभी भी विरोधाभास है क्योंकि नए जिलों की घोषणा तो की गई है लेकिन इस संदर्भ मंे औपचारिक मानचित्र और जानकारियाँ सरकार की ओर से जारी नहीं की गई हैं। अतः इस पुस्तक में यथासंभव औपचारिक और अनौपचारिक जिला परिचय को शामिल किया गया है। इसके अलावा इस पुस्तक के निर्माण के दौरान मानक पुस्तकों और सरकारी स्त्रोतों जैसे शासकीय वेबसाइट, सरकारी आलेख, सरकारी दस्तावेज से आँकड़ों और सूचनाओं को प्राप्त करने का प्रयास किया गया है। 3. इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ के प्रशासन के संदर्भ में व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। छत्तीसगढ़ का प्रशासनिक ढांचा इत्यादि को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। पंचायती राज के अंतर्गत-स्थानीय प्रशासन की अवधारणा और विकास, 73वाँ संविधान संशोधन 1992, छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1992, 74वाँ संविधान संशोधन 1992, छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961, ग्रामीण एवं नगरीय निकायों से जुड़े विभिन्न तथ्य, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय पंचायती राज सम्मेलन, 1921 का विवरण और पंचायती राज से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को विस्तार से बताया गया है। 4. पुस्तक की प्रस्तुति यथासंभव बिंदुवार रखी गई है ताकि छत्तीसगढ़ पीएससी एवं अन्य परीक्षाओं में पूछे जाने वाले विभिन्न श्रेणी के प्रश्नों को सहजता से तैयार किया जा सके। यथासंभव आरेख एवं रेखाचित्रों का प्रयोग कर प्रस्तुति को बोधगम्य बनाने का प्रयास किया गया है।