सम्पूर्ण भारत का इतिहास

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Yuvachar Publications Booksसम्पूर्ण भारत का इतिहास

वशेषताएँः- 1. यह पुस्तक छत्तीसगढ़ पीएससी व छत्तीसगढ़ में आयोजित की जाने वाली अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- व्यापम इत्यादि को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। इस पुस्तक का निर्माण संस्थान के वरिष्ठ शिक्षकों द्वारा स्वयं किया गया है। 2. पुस्तक लेखन के दौरान एन. सी. ई. आर. टी. की पुस्तकों को मुख्य आधार बनाया गया है क्योंकि इतिहास में तथ्यों का विरोधाभास होने पर एनसीआरटी के स्त्रोतों को प्रमाणिक माना जाता है। 3. इस पुस्तक में प्रागैतिहासिक /पाषाण काल, आद्य ऐतिहासिक काल, वैदिक काल, प्राचीन धार्मिक आंदोलन, महाजनपद, मगध साम्राज्य, मौर्य साम्राज्य, मौर्योत्तर काल, विदेशी आक्रमण, गुप्त साम्राज्य, पूर्व मध्यकाल (800 से 1200ई.), दक्षिण भारत का इतिहास, विजयनगर साम्राज्य, बहमनी साम्राज्य, अरबों का आक्रमण, दिल्ली सल्तनत, मध्यकालीन धार्मिक आंदोलन, मुगल साम्राज्य, उत्तरवर्ती मुगल, सिक्ख धर्म, मराठा साम्राज्य, ,यूरोपीय कम्पनियों का आगमन, देशी रियासतें, भारत का ब्रिटिशर्स द्वारा सामाजिक-आर्थिक शोषण, आधुनिक भारत के प्रमुख विद्रोह,1857 का विद्रोह, ब्रिटिशकाल में शिक्षा का विकास, सामाजिक, धार्मिक सुधार आंदोलन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस,भारत में क्रांतिकारी राष्ट्रवाद , भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का द्वितीय चरण, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का अंतिम चरण, गवर्नर, गवर्नर जनरल व वायसराय, महत्वपूर्ण कथन व नारे,विविध,आधुनिक भारत के चर्चित व्यक्तित्व, को विस्तार से प्रासंगिक तथ्यों एवं अवधारणाओं के साथ प्रस्तुत किया गया है। प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में पूर्ण समरूपता होने के कारण इस पुस्तक को दोनों परीक्षाओं में समान रूप से प्रयोग किया जा सकता है। 4. पुस्तक के अंत में छत्तीसगढ़ प्रारंभिक परीक्षा द्वारा पूछे गए पूर्व वर्षों के प्रश्नों को रखा गया है ताकि परीक्षा प्रारूप से परिचय हो सके। मुख्य परीक्षा का अभ्यास आप पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को आधार बनाकर कर सकते हें। 5. पुस्तक की प्रस्तुति यथासंभव बिंदुवार रखी गई है ताकि छत्तीसगढ़ पीएससी में पूछे जाने वाले विभिन्न श्रेणी के प्रश्नों को सहजता से तैयार किया जा सके। यथासंभव आरेख एवं रेखाचित्रों का प्रयोग कर प्रस्तुति को बोधगम्य बनाने का प्रयास किया गया