छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण इतिहास

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Yuvachar Publications Booksछत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण इतिहास

वशेषताएँः- 1. यह पुस्तक छत्तीसगढ़ पीएससी की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा दोनों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में आयोजित की जाने वाली अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- व्यापम इत्यादि के लिए समान रूप से उपयोगी है। 2. पुस्तक लेखन के दौरान पुस्तक को त्रुटिरहित करने का अथक प्रयास किया गया है क्योंकि छत्तीसगढ़ के इतिहास में मानक पुस्तक का चयन और आँकड़ों का निर्धारण एक जटिल कार्य है। आँकड़ों को यथा संभव सरकारी स्त्रोतों जैसे शासकीय वेबसाइट, सरकारी आलेख, सरकारी दस्तावेज से प्राप्त करने का प्रयास किया गया है। 3. इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ प्राचीन इतिहास (प्रागैतिहासिक, आद्य ऐतिहासिक एवं ऐतिहासिक काल), छत्तीसगढ़ के इतिहास पर राष्ट्रीय राजवंशों का प्रभाव(मौर्य, सातवाहन, कुषाण, वाकाटक एवं गुप्त राजवंश), छत्तीसगढ़ के प्रमुख क्षेत्रीय राजवंश (राजर्षितुल्य वंश, शरभपुरीय वंश, पाण्डुवंश या सोमवंश, नलवंश, बाणवंश, नागवंश, छिंदकनागवंश एवं काकतीय राजवंश), छत्तीसगढ़ में कलचुरि राजवंश (रतनपुर कल्चुरि, अंधकार युग, रायपुर कल्चुरि), छत्तीसगढ़ में मराठा शासन (आधुनिक इतिहास), छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन , छत्तीसगढ़ में रियासतें, जमींदारी एवं रियासतों का एकीकरण, 1857 की क्रांति में छत्तीसगढ़ की भूमिका, छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आंदोलन, छत्तीसगढ़ में क्रांतिकारी आंदोलनों का प्रभाव, छत्तीसगढ़ में कृषक, श्रमिक और जनजाति आंदोलन, छत्तीसगढ़ में राज्य निर्माण का इतिहास, छत्तीसगढ़ के नामकरण का इतिहास, छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता का इतिहास, छत्तीसगढ़ की प्रमुख ऐतिहासिक संस्थाएँ एवं व्यक्तित्व इत्यादि को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है।वशेषताएँः- 1. यह पुस्तक छत्तीसगढ़ पीएससी की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा दोनों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में आयोजित की जाने वाली अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- व्यापम इत्यादि के लिए समान रूप से उपयोगी है। 2. पुस्तक लेखन के दौरान पुस्तक को त्रुटिरहित करने का अथक प्रयास किया गया है क्योंकि छत्तीसगढ़ के इतिहास में मानक पुस्तक का चयन और आँकड़ों का निर्धारण एक जटिल कार्य है। आँकड़ों को यथा संभव सरकारी स्त्रोतों जैसे शासकीय वेबसाइट, सरकारी आलेख, सरकारी दस्तावेज से प्राप्त करने का प्रयास किया गया है। 3. इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ प्राचीन इतिहास (प्रागैतिहासिक, आद्य ऐतिहासिक एवं ऐतिहासिक काल), छत्तीसगढ़ के इतिहास पर राष्ट्रीय राजवंशों का प्रभाव(मौर्य, सातवाहन, कुषाण, वाकाटक एवं गुप्त राजवंश), छत्तीसगढ़ के प्रमुख क्षेत्रीय राजवंश (राजर्षितुल्य वंश, शरभपुरीय वंश, पाण्डुवंश या सोमवंश, नलवंश, बाणवंश, नागवंश, छिंदकनागवंश एवं काकतीय राजवंश), छत्तीसगढ़ में कलचुरि राजवंश (रतनपुर कल्चुरि, अंधकार युग, रायपुर कल्चुरि), छत्तीसगढ़ में मराठा शासन (आधुनिक इतिहास), छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन , छत्तीसगढ़ में रियासतें, जमींदारी एवं रियासतों का एकीकरण, 1857 की क्रांति में छत्तीसगढ़ की भूमिका, छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आंदोलन, छत्तीसगढ़ में क्रांतिकारी आंदोलनों का प्रभाव, छत्तीसगढ़ में कृषक, श्रमिक और जनजाति आंदोलन, छत्तीसगढ़ में राज्य निर्माण का इतिहास, छत्तीसगढ़ के नामकरण का इतिहास, छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता का इतिहास, छत्तीसगढ़ की प्रमुख ऐतिहासिक संस्थाएँ एवं व्यक्तित्व इत्यादि को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। 4. पुस्तक के अंत में छत्तीसगढ़ प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के अंतर्गत पूछे गए पूर्व वर्षों के प्रश्नों को रखा गया है ताकि परीक्षा प्रारूप से परिचय हो सके। इसके अलावा अभ्यास हेतु प्रश्न आपके उत्तर लेखन के अभ्यास में सहायक होंगे। 5. पुस्तक की प्रस्तुति यथासंभव बिंदुवार रखी गई है ताकि छत्तीसगढ़ पीएससी में पूछे जाने वाले विभिन्न श्रेणी के प्रश्नों को सहजता से तैयार किया जा सके। यथासंभव आरेख एवं रेखाचित्रों का प्रयोग कर प्रस्तुति को बोधगम्य बनाने का प्रयास किया गया है। 4. पुस्तक के अंत में छत्तीसगढ़ प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के अंतर्गत पूछे गए पूर्व वर्षों के प्रश्नों को रखा गया है ताकि परीक्षा प्रारूप से परिचय हो सके। इसके अलावा अभ्यास हेतु प्रश्न आपके उत्तर लेखन के अभ्यास में सहायक होंगे। 5. पुस्तक की प्रस्तुति यथासंभव बिंदुवार रखी गई है ताकि छत्तीसगढ़ पीएससी में पूछे जाने वाले विभिन्न श्रेणी के प्रश्नों को सहजता से तैयार किया जा सके। यथासंभव आरेख एवं रेखाचित्रों का प्रयोग कर प्रस्तुति को बोधगम्य बनाने का प्रयास किया गया है।