छत्तीसगढ़ी भाषा ज्ञान

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Yuvachar Publications Booksछत्तीसगढ़ी भाषा ज्ञान

वशेषताएँः- 1. यह किताब छत्तीसगढ़ पीएससी व छत्तीसगढ़ में आयोजित की जाने वाली अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- व्यापम इत्यादि को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। पुस्तकों का निर्माण संस्थान के वरिष्ठ शिक्षकों द्वारा स्वयं किया गया है। 2. पुस्तक लेखन के दौरान किताब को त्रुटिरहित करने का अथक प्रयास किया गया है। साथ ही आँकड़ों को यथा संभव सरकारी स्त्रोतों जैसे शासकीय वेबसाइट, सरकारी आलेख, सरकारी दस्तावेज से प्राप्त करने का प्रयास किया गया है। 3. इस किताब में भाषा और व्याकरण , छत्तीसगढ़ी भाषा का सामान्य परिचय, इतिहास एवं विकास, छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास में समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, आकाशवाणी व सिनेमा की भूमिका, छत्तीसगढ़ी भाषा की लिपि: देवनागरी लिपि, भाषा का विकासक्रम, आठवीं अनुसूची और छत्तीसगढ़ी, छत्तीसगढ़ी व्याकरण , संज्ञा, कारक, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, लोकव्यहार में छत्तीसगढ़ी एवं पाद टिप्पणी, शब्द रचना/निर्माण, समास, शब्द युग्म, पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, क्रिया: काल , अव्यय (अविकारी), संबंध सूचक (बोधक)/पूर्व सर्ग, उपयोगी शब्द , छत्तीसगढ़ी शब्दों के स्त्रोत, हाना (लोकोक्तियाँ/कहावतें), छत्तीसगढ़ी हाना (लोकोक्ति), जनउला (पहेलियाँ/प्रहेलिका), मुहावरे, छत्तीसगढ़ी शब्दकोश, छत्तीसगढ़ी भाषा का साहित्य एवं, प्रमुख साहित्यकार, संदर्भ ग्रंथ सूची इत्यादि को विस्तार से प्रासंगिक तथ्यों एवं अवधारणाओं के साथ प्रस्तुत किया गया है। 4. किताब के अंत में छत्तीसगढ़ मुख्य परीक्षा द्वारा पूछे गए पूर्व वर्षों के प्रश्नों को रखा गया है ताकि परीक्षा प्रारूप से परिचय हो सके। इसके अलावा अभ्यास हेतु प्रश्न आपके उत्तर लेखन के अभ्यास में सहायक होंगे। 5. पुस्तकों की प्रस्तुति यथासंभव बिंदुवार रखी गई है ताकि छत्तीसगढ़ पीएससी में पूछे जाने वाले विभिन्न श्रेणी के प्रश्नों को सहजता से तैयार किया जा सके। यथासंभव आरेख एवं रेखाचित्रों का प्रयोग कर प्रस्तुति को बोधगम्य बनाने का प्रयास किया गया है।